बिजली का जन्मदाता, महान आविष्कारक निकोला टेस्ला



Scientist Nikola Tesla


हम में से बहुत लोग ये मानते है कि किसी इंसान की उपलब्धियां इस दुनिया और मानवता के लिये दिए योगदान को पुरस्कृत किया जाना चाहिए इतिहास में ऐसे इंसानों को जाना जाता है उनके महान योगदान और दुनिया को बदलने के लिये किये गए उनके महान कार्यों के कारण लेकिन क्या आप जानते है कि हमारे इतिहास में ऐसे महान शख़्स भी हुए है जिनके महान कार्यो ने दुनिया को बिल्कुल ही बदल दिया। उन्हें इतिहास और मानवता ने नज़रंदाज़ किया है। निकोला टेस्ला का जन्म लगभग 160 साल पहले 10 जुलाई 1856 को स्किमडज़, क्रोएशिया में हुआ था। उस समय क्रोएशिया एस्ट्रो-हेटेली साम्राज्य का हिस्सा था। 20वी शताब्दी की शुरुआत में निकोला टेस्ला अमेरिका पहुँचे और उन्होंने दुनिया को Alternating Current यानी AC, Radio waves, X-ray Technology, Remote Control और ऐसे ही 700 पेटेंट तकनीक प्रदान की। टेसला को उस समय के वैज्ञानिक एक पागल scientist समझतें थे। टेस्ला को एक ऐसी Ray का ज्ञात किया था जिसे वो Teth Ray कहते थे उनके मुताबिक Teth Ray में इतनी शक्ति थी जो एक साथ 10 हज़ार हवाई जहाज़ों को 250 मील दूर से तबाह कर सकती थी। 1884 में 28 साल की उम्र में टेस्ला अमेरिका के महान वैज्ञानिक थॉमस एडिसन से मिलने पहुंचे जिनका DC Electricity Current अमेरिका में धूम मचा रहा था। टेस्ला ने एडिसन से मिलकर जब अपनी AC Technology के बारे में बताया तो एडिसन के होश उड़ गये। उन्हें लगा कि उनकी विज्ञान जगत में प्रभुत्वता को ललकारने के लिए एक ऐसा शख़्स है जो अपने समय और युग से बहुत आगे है। निकोला टेस्ला ने एक बार एक विवादित बयान दिया था और वो ये था के वो एलियन के सम्पर्क में रहते है और उनको ऐसी महानतम Technology कि प्रेरणा एलियंस या परग्रहियों से मिलती है। निकोला टेस्ला ने अपना सबसे पहला पेटेंट दायर किया था जो एक Flying Sourcer था जो UFO कि तरह दिखता था टेस्ला ने इसको नाम दिया था दुनिया का सबसे पहला मानव द्वारा निर्मित UFO। निकोला टेस्ला एक ऐसे शख़्स थे जिनके पास फोटोग्राफिक मेमोरी थी इनमे ऐसी मेमोरी थी कि वो एक बार मे पूरी किताब को याद कर लेते थे वो 2 घंटे से भी कम सोया करते थे।


निकोला टेस्ला ने 185 फुट ऊंचा टॉवर बनाया जिसका नाम था Wardenclyffe Tower और उनका सपना था कि वो पृथ्वी के ऊपर Space से बिजली को खींचकर मानवता के लिए इस्तेमाल करे लेकिन 1917 में उस टावर को तोड़ दिया गया और उनकी प्रयोगशाला को जिसमे वो काम करते थे उसे भी जला दिया गया। किसी को नही पता कि ऐसा कैसे हुआ। लोगो का मानना है कि टेस्ला मानवता को फ्री बिजली देना चाहते थे ताकि बिजली इस्तेमाल करने के लिये किसी को पैसे न देने पड़े ऐसा उस समय कि बड़ी बिजली कंपनीज़ को रास नही आया जो बिजली की बिक्री से मोटा पैसा कमा रही थी। अगर टेस्ला अपनी इस खोज में सफल रहते तो लोगो को अपने घरों में एक एंटीना के ज़रिए ही फ्री बिजली मिल जाती बिना वातावरण को कोई नुकसान पहुंचाए । शायद इतनी उदारता अमेरिका के उद्योगपतियो को रास नही आई । 7 जनुअरी 1943 को इस महान वैज्ञानिक निकोला टेेेस्ला ने न्यू यॉर्क के एक होटल में अंतिम सांस ली जब बाहर पूरी दुनिया उनकी बनाई बिजली से जगमगा रही थी। टेस्ला एक ऐसे शख़्स थे जिनकी खोजे मानवता को आनेवाली पीढ़ियों के लिए एक फाउंडेशन का काम करने वाली थी। वैज्ञानिको के अनुसार टेस्ला अपने युग से कई गुना आगे थे।

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